NTA ने यूजीसी नेट एग्जाम 2023 जून को घोषित कर दी है जिसमें पहला पेपर कॉमर्स सब्जेक्ट कोड 8 और शिफ्ट 1, 13/06/2023 से परीक्षा आयोजित कर दी है जिसमें आप इंडिया की वेबसाइट पर जाकर अपना सब्जेक्ट कोड और स्विफ्ट चेक कर सकते हैं। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी विभिन्न केंद्रों पर UGC NET जून 2023 चरण- I आयोजित कर रही है देश भर में 13, 14, 15, 16 और 17 जून 2023 को। उम्मीदवारों को पहले ही उनके शहर और उनकी परीक्षा की तारीख के बारे में सूचित किया। शिफ्ट-वार विवरण अनुबंध- I में उल्लिखित हैं। इस परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिए गए हैं। अभ्यर्थी इसे वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं । https://ugcnet.nta.nic.in/। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे यूजीसी नेट जून का अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर लें 2023 (उनके आवेदन संख्या और जन्म तिथि का उपयोग करके) उपक्रम के साथ और इसके माध्यम से जाना उसमें निहित निर्देश। यदि किसी उम्मीदवार को परीक्षा शहर सूचना को डाउनलोड करने/जांचने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है UGC NET जून 2023 चरण-I के लिए पर्ची, वह 011-40759000 पर संपर्क कर सकते हैं या ईमेल क...
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Business Idea: बेरोजगार महिलाएं घर से करें यह बिजनेस ,महीने के 15000 होगी इनकम
Dinesh Chandra tiwari
Pdevi12@blogger.com
Business Idea: बेरोजगार महिलाएं घर से करें ये बिजनेस, महीने के 15 हजार होगी आमदनी Business Idea: महिलाएं घर की आन वान शान होती हैं, और यही वजह हैं की पुरुष अपने पत्नी को बाहर मेँ काम करने के लिए नहीं बोलता हैं। हलाकी अभी का जवाना बदल चुका हैं, अभी अधिकत्तर महिलाएं किसी ना किसी प्राइवेट कंपनिया में काम करती हैं। वही बहुत सी ग्रामीण क्षेत्र की भी महिलाएं खेतों में भी काम करने जाती हैं। लेकिन यदि हम कहें की अब आप घर बैठे काम करके महीने के अच्छी खासी इनकम कर सकतें हैं तो कैसा रहेगा। जी हाँ हम आपको एक ऐसी Business Idea के बारें में बताएंगे जिससे आप 25 से 30 हजार प्रत्येक महीने कमाई कर सकेंगे क्युकी अक्सर महिलाएं पैसों के लेकर दूसरे पर निवहार रहती हैं। साथ ही हर किसी को बाहरी कंपनियों में काम करना संभव नहीं हो पाता हैं। और महंगाई के साथ बेरोजगारी भी इतना बढ़ गया हैं की घर को चला पाना महज 9से 14 हजार में असंभव हो गया हैं। दरअसल जिंदगी को जीने के लिए पैसों को होना जरूरी हैं इसलिए हम महिलाओं के लिए खाना बनाने का आइडिया लाएं हैं, यानि की इनसे जुड़ा हुआ हैं ये बिजनेस जिसे आप घर से शुरू कर सक...
यूपी में b.ed को लेकर न्यू अपडेट
Dinesh Chandra tiwari
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/> अगर आपने यूपी बीएड प्रवेश परीक्षा 2023 के लिए आवेदन किया है, तो आपके लिए डाउनलोड किए गए कार्ड तो काफी समय पहले ही जारी कर दिए गए हैं। जहां अब परीक्षा की तिथि भी निकट है। परंतु परीक्षा की तारीख से चंद दिन पहले ही संभावना के लिए बड़ी खबर आई है। जहां अब यूपी बीएड प्रवेश परीक्षा 2023 के लिए जरूरी निर्देश जारी किए गए हैं। जहां बताया गया है कि यूपी b.Ed प्रवेश परीक्षा 2023 में कौन से लोग ऑप्टिमाइजेशन में शामिल हो सकते हैं और किन लोगों को खारिज कर दिया जाएगा। बता दें कि इस साल यूपी बीएड प्रवेश परीक्षा 2023 का आयोजन बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी द्वारा किया जा रहा है। आइए जानते हैं क्या है यूपी बीएड प्रवेश परीक्षा 2023 को लेकर पूरी जानकारी.. जल्द डाउनलोड करें अपना एडमिट कार्ड यदि आपने अभी तक बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी द्वारा आयोजित की जा रही यूपी बीएड प्रवेश परीक्षा 2023 के लिए प्रवेश पत्र डाउनलोड नहीं किए हैं, तो जल्द ही अपना प्रवेश पत्र डाउनलोड कर सकते हैं। क्योंकि इसके बाद आपके द्वारा चुने गए कार्ड के लिंक को डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा। बता दें कि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झा...
आजादी से अब तक के हर चुनाव के रोचक किस्सों बानगी लगाता ,देश का पहला इलेक्शन म्युजिअम
Dinesh Chandra tiwari
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आज़ादी से अब तक के हर चुनाव के रोचक किस्सों की बानगी दिखाता, देश का पहला ‘इलेक्शन म्युजि़यम’ संसार के सबसे बड़े लोकतंत्र का सबसे बड़ा प्रयोग होने जा रहा था। यह अक्टूबर 1951 से फरवरी 1952 का दौर था। इससे पहले चुनाव आयोग एक अजब परेशानी से जूझ रहा था। मतदाता सूची में दर्ज सैंकड़ों-हजारों नहीं बल्कि लाखों महिला वोटरों की पहचान ही नहीं हो पा रही थी। सूची में मतदाताओं के कॉलम में कुछ इस तरह का ब्योरा दर्ज था – ”छज्जू की मां, नफे सिंह की पत्नी, बलदेव की पत्नी, चंदरमोहन नेगी की सुपुत्री” … वगैरह, वगैरह। यह आज़ाद हिंदुस्तान की उन महिला वोटरों की कहानी थी जो वोटर सूची बनाने उनके घर पहुंचे चुनाव कर्मियों को अपना नाम नहीं बताना चाहती थी। किसी अजनबी के सामने अपना नाम उद्घाटित न करने के अपने ऊसूल पर कायम रही स्वतंत्र भारत की पहली पीढ़ी की महिला वोटरों की इस अजब दास्तान से जूझते चुनाव आयोग को आखिरकार निर्देश जारी करना पड़ा कि अपनी सही पहचान बताने वाली महिलाएं ही मतदाता रह सकती हैं। इसके बाद एक बार फिर से उन महिलाओं का नाम वोटर सूची में जोड़ने की कवायद शुरू हुई, जो रजिस्टर्ड वोटर होते हुए भी मतद...
हजारों साल पहले राजाओं और महाराजा के मनोरंजन साधन
Dinesh Chandra tiwari
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हजारों साल पहले राजाओं और महाराजा के मनोरंजन साधन राज्य में जिस प्रकार से मनोरंजन के कोई साधन नहीं थे इसमें वह किस प्रकार की अपना मनोरंजन करते थे और अपना इंजॉय करते थे यही हम बताने की कोशिश कर रहे है ऐसे मनोरंजनों में चैगान , घुड़दौड़ , शिकार , पशु या पक्षियों की लड़ाई आदि प्रमुख है जिनका सम्बन्ध मुख्यतः अभिजात वर्ग से था। कुछ अन्य यथा चैपड़ , ताश , कबूतर व पतंग उड़ाना , कुश्ती आदि का सम्बंध समाज के धनी , निर्धन सभी वर्गों से था। मनोरंजन गतिविधि का एक रूप है जो दर्शकों का ध्यान और रुचि रखता है या आनंद और आनंद देता है। यह एक विचार या कार्य हो सकता है, लेकिन यह उन गतिविधियों या घटनाओं में से एक होने की अधिक संभावना है जो विशेष रूप से दर्शकों का ध्यान रखने के उद्देश्य से हजारों वर्षों में विकसित हुई हैं। कोट्टाबोस खेलने वाले बैंकवेटर्स और औलोस खेलने वाली लड़की, ग्रीस ( सी। 420 ईसा पूर्व )। भोज और संगीत प्राचीन काल से ही दो महत्वपूर्ण मनोरंजन हैं। हालांकि लोगों का ध्यान अलग-अलग चीजों द्वारा आयोजित किया जाता है क्योंकि व्यक्तियों की अलग-अलग प्राथमिकताएं होती हैं, ...
15 साल की उम्र में शादी और 18 साल की उम्र में मां बनी भारत की पहली इंजीनियर ललिता
Dinesh Chandra tiwari
Pdevi12@blogger.com
इतिहास की सच्ची घटनाओं के साथ हम आपको अतीत के पन्नों पर कुछ पोस्ट लिखकर समर्पित करेंगे 15 साल की उम्र में शादी, 18 साल मां बनी : कहानी भारत की पहली महिला इंजीनियर की! Lalitha एक मध्यम वर्गीय तेलगु परिवार में जन्मी ए ललिता की शादी तब कर दी गई थीं जब वह मात्र 15 वर्ष की थीं। 18 साल की आयु में ये एक बच्ची की माँ बनीं और दुर्भाग्यवश इसी के चार महीने बाद ही उनके पति का निधन हो गया। 4 माह की श्यामला अब पूरी तरह से अपनी विधवा माँ की ज़िम्मेदारी थी। हालांकि मद्रास में तब सती प्रथा का चलन नहीं था फिर भी एक विधवा को समाज से अलग, एक निर्वासित व कठिन जीवन जीना पड़ता था। प्रगतिशील विचारों व दृढ़ निश्चय वाली ललिता ने वैसे समय में समाज के दबाव में न आकर अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाने की ठानी और इंजीनियरिंग करने का फैसला किया। यहीं से शुरू हुआ उनका वह सफर जिसने उन्हें भारत की पहली महिला इंजीनियर बना दिया। ललिता के पिता पप्पू सुब्बा राव, मद्रास विश...
UGC क| नया फैसला , KENDRIYA VISHWAVIDYALAYA ADMISSION CUET EXAM
Dinesh Chandra tiwari
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UGC का नया फैसला, केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए CUET https://photos.app.goo.gl/2hUL9ZRJkwVVNVsA6 CUET 2024: देशभर में केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रवेश हेतु अब CUET 2024 अर्थात कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है । वे सभी छात्र जो 12वीं के पश्चात विश्वविद्यालय में दाखिला लेना चाहते हैं उन सभी के लिए अब CUET 2024 की परीक्षा में सम्मिलित होना अनिवार्य कर दिया गया है । किसी भी कॉलेज में प्रवेश लेने के लिए अब छात्रों को Common University Entrance Test से गुजरना होगा और उसके स्कोर के आधार पर ही अब छात्रों को विश्वविद्यालय में दाखिला दिया जाएगा । वर्ष 2024-25 के सत्र के लिए CUET 2024 में आवेदन करने की अंतिम तिथि 26 मार्च निर्धारित की गई है । National Testing Agency के द्वारा गठित की जाने वाली इस परीक्षा में छात्रों को 26 मार्च से पहले आवेदन प्रक्रिया पूरी करनी होगी । वे सभी छात्र जो किसी कारणवश CUET 2024 की परीक्षा देने से चूक जाते हैं इस साल उन्हें केंद्रीय विश्वविद्यालय में दाखिला नहीं दिया जाएगा| CUET 2024 के लिए विश्वविद्यालय द्वारा ही दा...
गांव का जीवन सरल जीवन
Dinesh Chandra tiwari
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गांव का जीवन गांव का जीवन गांव का जीवन बहुत ही सरल और प्रदूषण रहित होता है गांव में हर प्रकार से किसी प्रकार की वायु प्रदूषण जल प्रदूषण वायु प्रदूषण भूमि प्रदूषण आदि चीजों से परे है गांव का जीवन बहुत ही सुखद एवं सरल है गांव में जो पानी आता है वह पहाड़ी से निकलकर जड़ी बूटियों से होकर हमारे तन मन शरीर को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण योगदान देता है गांव में वैसे तो सुविधाओं के अभाव में कठिनाइयां भी होती हैं लेकिन आज के युग में गांव में भी काफी विकास हो गया जब याद है | मुझे जब मैं बचपन में पांचवी के स्कूल में जाया करता था तब हम पैदल जाया करते थे स्कूल नजदीक था इसलिए इतनी मुश्किल नहीं होती थी धीरे-धीरे करके वहां मन लगने लगा गांव में इतनी भीड़ बाहर ट्रैफिक आदि चीजों का कोई लेना-देना नहीं था कई प्रकार से हमारी टीचर बहुत ही इंटेलिजेंट व सुव्यवस्थित थे हमें अनेक प्रकार से शिक्षा देने में तत्पर रहते थे एक टाइम की बात है जब हम स्कूल में एक प्लेग्राउंड बना रहे थे उसमें मिट्टी खुदा करते थे जब मिट्टी खोते खोते एक बंदा बच्चा स्कूल की मिट्टी के अंदर दब गया थी कि नहीं जल्दी से उसे निकाल कर बाहर निका...
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Dinesh Chandra tiwari
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