1971: जब भोज की 301 महिलाओं ने,अपनी जान खतरे में डालकर ,वायु सेना की मदद की।

इतिहास की सच्ची घटनाओं के साथ हम आपको अतीत के पन्नों पर कुछ पोस्ट लिखकर समर्पित करेंगे 1971 : जब भुज की 301 महिलाओं ने अपनी जान ख़तरे में डाल कर वायुसेना की मदद की थी। 8 दिसम्बर 1971 की रात को भारत-पाक युद्ध के दौरान, भुज में भारतीय वायुसेना के एयरस्ट्रिप पर, सेबर जेट विमान के एक दस्ते ने 14 से अधिक नापलम बम गिराए। इसकी वजह से यह एयरस्ट्रिप टूट गयी और भारतीय लड़ाकू विमानों का उड़ान भरना नामुमकिन हो गया। भारतीय वायु सेना ने एयरस्ट्रिप की मरम्मत के लिए सीमा सुरक्षा बल के जवानों को बुलाया, पर समय तेज़ी से गुज़र रहा था और मज़दूर कम थे। ऐसे में, भुज के माधापुर गाँव से 301 गाँव वाले अपने घरों से निकलकर भारतीय वायुसेना की मदद के लिए आगे आये, जिनमें ज़्यादातर महिलाएं थीं। मन में देशभक्ति लिए, वे सभी अपने घरों से निकल पड़ी। यह शायद उनकी असाधारण देशभक्ति ही थी, कि उन्होंने एयरस्ट्रिप की मरम्मत जैसे असंभव काम को सिर्फ़ 72 घंटों के भीतर संभव कर दिखाया! तत्कालीन जिला कलेक्टर ने इन 300 बहादुर महिलाओं को इस नेक कार्य में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। युद्ध के दौरान कार्निक भुज एयरपोर्ट के इंचार्ज थे, और इन महिलाओं को प्रोत्साहित करने वालों में स्क्वाड्रन लीडर विजय कार्निक का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। जल्द ही, इस ऐतिहासिक घटना को  ‘भुज : द प्राइड ऑफ़ इंडिया’ फिल्म के नाम से परदे पर उतारा जायेगा। इतिहास के इस दिलचस्प किस्से को विस्तार से पढ़ने के लिए हम से जुड़े रहिए। Dinesh c